Saturday, May 8, 2010

बावळी




तावड़ी बावळी
करै उतावळी
सुरजियै रै भकायां बाळै
मरूधरा रौ सिर
अर आभै री पगथळी
हाल ठाह कोनी उण नै
कै वा
कमावै पाप
भोळी झळ रौ साप
डस लेसी जद सगळा नै
तौ हुयसी वा आप ई
गळगळी।

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