Friday, March 26, 2010

कुचरणी


गठबन्धन री सरकार

पांगळै नै
साथै राखण रौ अळेपौ
जे नीं राखै
तौ ई स्यापौ।


मिनखपणौ

झूठ री नाव माथै
स्वार
मिनख जद
साच सूं परै टिप जावै
तौ मिनखपणौ
कांई लारै रैय जावै।


सत्तापख

पीयेड़ा
कांई कूंतंनै बोलै ?
घणकरा`क तौ
नाळियौ
मूतंनै खोलै।


डतरीउतार

खावै अर सोवै
सैंग सूं बेसी
पंण कांम मांय
लारै रैसी।


गरीब री मनवार

माचली रौ टूट्योड़ौ
बांण
बिठावै पंण
सवै कोनी
खींचातांण।






सीरवाळी

बूढै री
ब्यावली
ठाह नीं
कद तांईं रैयसी
कद भाज जावैली।



कविता
ज्यूं जपायत रै
पीड़ उठै
अर जाम्यां ई
पैंडौ छूटै।



कवि
जकै रै घरां
बटाऊ आंवता डरै
चाय-पाणी पछै
पैलां कविता करै।



सम्पादक
ठाडै रौ डोकौ
पाड़ै
डांग नै जकौ।

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